प्राकृतिक खेती कार्यक्रम, उत्तर प्रदेशNatural Farming Programme, Uttar Pradesh
"स्वस्थ माटी- संपन्न किसान"
प्रदेश के किसानों के सहयोग से गेहूं, गन्ना, दुग्ध उत्पाद एवं सब्जी उत्पादन में देश में प्रदेश को प्रथम स्थान प्राप्त है। हरित क्रांति के उपरान्त खाद्यान उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाने में प्रदेश की अग्रणी भूमिका रही है।
प्रदेश का कुल प्रतिवेदित क्षेत्रफल 241.70 लाख हे0 है, जिसमें वास्तविक बोया गया क्षेत्रफल 165.38 लाख हे0 है। प्रदेश में खरीफ की मुख्य फसल धान, मक्का, बाजरा, उर्द एवं तिल है तथा रबी की मुख्य फसल गेहूं, राई-सरसों, चना, मटर व मसूर है। खरीफ एवं रबी में क्रमशः 128.73 लाख हे0 एवं 129.32 लाख हे0 क्षेत्रफल में खेती की जाती है। वर्ष 2020-21 में प्रदेश का कुल खाद्यान उत्पादन 619.47 लाख मी0टन रिकार्ड उत्पादन प्राप्त किया, जो कि प्रदेश में अब तक का सर्वाधिक खाद्यान उत्पादन है। प्रदेश का देश के खाद्यान में योगदान 20 प्रतिशत है, और यह प्रथम स्थान पर अवस्थित है। बढ़ती कृषि लागत एवं घटती कृषक आय, प्राकृतिक संसाधनों का क्षरण एवं प्रदूषित होना, स्थिर उत्पादकता एवं मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव वर्तमान में प्रचलित कृषि पद्धति के दुष्परिणाम के रुप में परिलक्षित होने लगे है।